संपूर्ण कर्मकाण्ड प्रयोग
आचार्य
धर्म का एक महत्वपूर्ण भाग कर्मकांड भी है, धर्म पद का एक ही तात्पर्य होता है सत्य सनातन धर्म, एवं वो सभी शब्द जो अन्य भाषाओं के हैं व धर्म के पर्याय अथवा समानार्थी रूप से प्रयुक्त किये जाते हैं ये युक्तियुक्त नहीं है क्योंकि उनमें धर्म के लक्षणों का सर्वथा अभाव होता है। हमारा प्रयास कर्मकांड के प्रति जागृत करना है और इस हेतु तीन भिन्न वेबसाइटों के माध्यम से कर्मकांड संबंधी चर्चा करते हैं।