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श्रीमद्भागवत पुराण

आचार्य
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**श्रीमद्भागवत पुराण** न केवल धार्मिक ज्ञान का भंडार है, बल्कि यह भक्ति, प्रेम, और करुणा का प्रतीक भी है। यह पाठकों को जीवन की वास्तविकता और उसके आध्यात्मिक पहलुओं को समझने में मदद करता है। भागवत पुराण का अध्ययन करने से व्यक्ति अपने जीवन में प्रेम और भक्ति का संचार कर सकता है, जो आत्मा की शांति और संतोष का स्रोत है।
**श्रीमद्भागवत पुराण** हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जो वेदों के बाद का एक महत्वपूर्ण पुराण माना जाता है। यह पुराण विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके दिव्य गुणों का वर्णन करता है। भागवत पुराण में कुल 12 स्कंध (खंड) हैं और इसमें लगभग 18,000 श्लोक हैं।

### मुख्य विशेषताएँ

1. **कृष्ण का गुणगान**:
   - भागवत पुराण का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण की लीला, उनके स्वरूप, और उनके भक्तों के प्रति प्रेम को व्यक्त करना है। इसमें उनकी बाल लीला, युवा लीला, और गीता के सन्देश का वर्णन किया गया है।

2. **भक्ति की महिमा**:
   - इस पुराण में भक्ति का अत्यधिक महत्व है। यह भक्ति को मोक्ष का एक सशक्त साधन मानता है। भक्तिरस, या भक्ति की भावना, पुराण का केंद्रीय विषय है।

3. **जीवों का सार**:
   - भागवत पुराण में जीवों, प्रकृति, और उनके संबंधों का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह जीवन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि धर्म, भक्ति, ज्ञान, और मोक्ष।

4. **राधा-कृष्ण की प्रेम कथा**:
   - यह पुराण राधा और कृष्ण के प्रेम की गहराई को भी दर्शाता है, जो भक्ति के अद्वितीय रूप का प्रतीक है।

### प्रमुख कथाएँ

- **ध्रुव चरित्र**: ध्रुव नामक एक छोटे बच्चे की कथा, जो भगवान से अपने पिता के प्रेम और सम्मान को पाने के लिए तप करता है। उसकी भक्ति से भगवान उसकी इच्छा पूरी करते हैं।

- **प्रहलाद चरित्र**: प्रहलाद की कथा, जो भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था और अपने पिता हिरण्यकशिपु के अत्याचारों के बावजूद अपनी भक्ति से नहीं हटा।

- **कृष्ण की बाल लीलाएँ**: भागवत पुराण में कृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन है, जैसे गोवर्धन पूजा, माखन चुराना, और राधा के साथ उनकी लीला।

### निष्कर्ष

**श्रीमद्भागवत पुराण** न केवल धार्मिक ज्ञान का भंडार है, बल्कि यह भक्ति, प्रेम, और करुणा का प्रतीक भी है। यह पाठकों को जीवन की वास्तविकता और उसके आध्यात्मिक पहलुओं को समझने में मदद करता है। भागवत पुराण का अध्ययन करने से व्यक्ति अपने जीवन में प्रेम और भक्ति का संचार कर सकता है, जो आत्मा की शांति और संतोष का स्रोत है।