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बगलामुखी यज्ञ

आचार्य
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बगलामुखी यज्ञ को सनातन धर्म में एक प्रमुख हवन प्रक्रिया माना जाता है, जिसका अत्यंत उच्च महत्व है। इस यज्ञ का मुख्य उद्देश्य विघ्नों को दूर करना, विपरीत गति को रोकना, शत्रुओं को पराजित करना, और साधना में सफलता प्राप्त करना होता है।
**बगलामुखी यज्ञ** सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण हवन प्रक्रिया है, जिसे विशेष रूप से विघ्नों को दूर करने, विपरीत परिस्थितियों को रोकने, और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसे देवी बगलामुखी की उपासना के लिए आयोजित किया जाता है, जो ज्ञान, शक्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। यहाँ बगलामुखी यज्ञ के महत्व, उद्देश्य, और प्रक्रिया का विवरण दिया गया है:

### बगलामुखी यज्ञ का महत्व

1. **विघ्नों का नाश**:
   - यह यज्ञ विशेष रूप से उन बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है, जो किसी कार्य में सफलता पाने में रुकावट डालती हैं।

2. **विपरीत गति रोकना**:
   - यह यज्ञ विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में सहायक होता है, जिससे व्यक्ति की साधना और प्रयास सफल हो सकें।

3. **शत्रुओं पर विजय**:
   - शत्रुओं को पराजित करने और प्रतिस्पर्धियों पर विजय पाने के लिए बगलामुखी यज्ञ का महत्व है। यह शांति और सुरक्षा का अनुभव कराने में भी सहायक होता है।

4. **साधना में सफलता**:
   - साधकों के लिए यह यज्ञ अत्यंत लाभकारी होता है, क्योंकि यह आंतरिक शक्ति और स्पष्टता प्रदान करता है, जिससे साधना में सफलता प्राप्त होती है।

### बगलामुखी यज्ञ की प्रक्रिया

1. **सामग्री का संग्रह**:
   - यज्ञ के लिए आवश्यक सामग्री जैसे घी, हवन सामग्री, विशेष फूल, और देवी बगलामुखी की मूर्ति या चित्र की व्यवस्था की जाती है।

2. **यज्ञ मंडप की स्थापना**:
   - यज्ञ मंडप का निर्माण एक पवित्र स्थान पर किया जाता है, जहाँ सभी अनुष्ठान सही तरीके से संपन्न किए जा सकें।

3. **पुजारी का चयन**:
   - योग्य और अनुभवी पुजारी का चयन किया जाता है, जो यज्ञ की विधि को पूर्णता से निभा सके।

4. **नवग्रह पूजन**:
   - यज्ञ से पूर्व नवग्रहों का पूजन किया जाता है, जिससे ग्रहों की शुभता प्राप्त हो सके।

5. **मंत्रों का जाप**:
   - यज्ञ की शुरुआत 'ॐ' के उच्चारण से होती है। इसके बाद देवी बगलामुखी के विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जैसे "ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वविघ्नं शमनय स्वाहा।"

6. **आहुति देना**:
   - हवन कुंड में आहुति दी जाती है, जिसमें घी और विशेष सामग्री का उपयोग किया जाता है। आहुति देते समय मंत्रों का जाप निरंतर किया जाता है।

7. **अभिषेक और प्रसाद**:
   - यज्ञ के अंत में देवी का अभिषेक किया जाता है और उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है।

8. **आरती और समापन**:
   - यज्ञ का समापन देवी की आरती के साथ होता है, जिसमें सभी भक्त एकत्रित होकर देवी का गुणगान करते हैं।

### निष्कर्ष

बगलामुखी यज्ञ न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में शांति, सुरक्षा, और सफलता लाने का एक प्रभावी साधन है। यह यज्ञ साधकों को आंतरिक शक्ति और विघ्नों को पार करने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।