**मंत्र संहिता** एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें संस्कृत भाषा में 523 मंत्रों का संग्रह है। इसके अलावा, **सुकला यजुरवेद** मंत्र संहिता भी विद्यमान है, जो वेदों के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है। यहाँ मंत्र जाप से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें प्रस्तुत की गई हैं:
### मंत्र जाप के प्रकार
1. **वाचिक जप**:
- इसमें मंत्र का उच्चारण सस्वर किया जाता है। यह सामान्य रूप से किया जाने वाला जप है, जिसमें व्यक्ति मंत्र को स्पष्ट रूप से बोलता है।
2. **उपांशु जप**:
- इस प्रकार में मंत्र का उच्चारण इस तरह किया जाता है कि केवल ओष्ठ (होंठ) कंपित होते हैं और मंत्र केवल स्वयं को सुनाई देता है। यह ध्यान और एकाग्रता बढ़ाने का एक तरीका है।
3. **मनसिक जप**:
- यह वह जप है जिसमें व्यक्ति मन में मंत्र का जाप करता है, बिना किसी उच्चारण के। यह ध्यान की गहराई को बढ़ाने में सहायक होता है।
### प्रमुख मंत्रों का महत्व
- **ॐ या ओं**:
- हिंदू धर्म में 'ॐ' या 'ओं' मंत्र को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति और सृष्टि का प्रतीक है और ध्यान के लिए विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।
- **ॐ नमः शिवाय**:
- यह भगवान शिव का गुप्त मंत्र है और पंचाक्षरी मंत्र के रूप में प्रसिद्ध है। इसे महा मंत्र भी कहा जाता है, जो व्यक्ति को शांति और शक्ति प्रदान करता है।
### रावण संहिता
- **तंत्र-मंत्र**:
- रावण संहिता में तंत्र-मंत्रों का विवरण है। रावण ने कई ऐसे मंत्र बनाए हैं, जिनका जाप करने से व्यक्ति का भाग्य बदल सकता है। ये मंत्र विशेषतः शक्ति, समृद्धि और सिद्धि प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
### निष्कर्ष
मंत्र जाप एक शक्तिशाली साधना है, जो मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायता करती है। विभिन्न प्रकार के जप और प्रमुख मंत्रों का सही ज्ञान और प्रयोग व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। मंत्रों का नियमित जाप और ध्यान करने से व्यक्ति आत्मिक विकास और शांति की ओर अग्रसर होता है।